जय श्री कृष्ण परम पूज्य श्री इंद्रेश जी महाराज को आज राजस्थानी पाग पहनाकर महाराज श्री को सम्मानित किया एवं महाराज जी का आशीर्वाद प्राप्त किया । इस सभी कार्यक्रम के लिए मैं महाराज श्री के जीजा जी श्रीमान अमित शर्मा जी को हृदय से धन्यवाद देता हूं। प्रतिदिन हरिनाम संकीर्तन सेवा विश्व गौ सेवा जागृति मिशन

जय श्री कृष्णश्री राधा रमण जी के कृपा से और पूज्य सद्गुरुदेव भगवान की कृपा से परम पूज्य श्री इंद्रेश जी महाराज से घंटों भगवान की लीलाओं पर चर्चा हुई एवं महाराज श्री का आशीर्वाद दास को प्राप्त हुआ । प्रतिदिन हरिनाम संकीर्तन सेवा विश्व गौसेवा सेवा जागृति मिशन

जय श्री कृष्णश्री राधा रमण जी के कृपा से और पूज्य सद्गुरुदेव भगवान की कृपा से परम पूज्य श्री इंद्रेश जी महाराज से घंटों भगवान की लीलाओं पर चर्चा हुई एवं महाराज श्री का आशीर्वाद दास को प्राप्त हुआ । प्रतिदिन हरिनाम संकीर्तन सेवा विश्व गौसेवा सेवा जागृति मिशन

सभी हरि वैष्णव जन को गणेश चतुर्थी की बहुत बहुत बधाई।

जय श्री कृष्ण
सभी हरि वैष्णव जन को गणेश चतुर्थी की बहुत-बहुत मंगलकामनाएं।



आप सभी हरि वैष्णव जन आज रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश जी महाराज की पूजा अर्चना करें और एक विनम्र निवेदन हैं, की आप हर साल की भांति इस साल भी गणेश जी महाराज को अपने घर लेकर आते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं। तो भैया गणेश जी को लाने की आवश्यकता ही नहीं हैं, वह तो पहले ही आपके घर में विराजमान हैं। अगर लाते हैं, तो आपका भाव हैं,घर लाने के बाद सिर्फ गणेश चतुर्थी के दिन ही नहीं प्रतिदिन उनकी सेवा करें। बहुत सारे लोग खुशी – खुशी में ले तो आते हैं, फिर 10 दिन बाद उनको पीपल के पेड़ पर बिठा देते हैं। ऐसा क्यों करते हो जिस भगवान की इतनी पूजा अर्चना की और गणेश चतुर्थी के बाद उनको पीपल के पेड़ पर बिठा दिया, तो कृपया अपने धर्म का मजाक ना उड़ावे कोई भी देवता को पहले घर में लाते हैं , फिर बाद में पीपल के पेड़ के नीचे बैठा देते हैं। नवरात्रि के अंदर माताजी को घर में लाते हैं फिर 9 दिन के बाद में पीपल के पेड़ पर बिठा देते हैं अरे भैया आपने पीपल के पेड़ को समझ क्या रखा है?
पीपल का पेड़ साक्षात भगवान श्रीकृष्ण हैं,
परंतु कोई भी अनावश्यक वस्तु हो उसको जाकर पीपल के पेड़ पर बिठा देते हो, कितना बुरा लगता है, इसका परंतु एक आदमी जैसा कर रहा है, वैसा ही सबको करना हैं। एक तो आप लोग हैं, जो पीपल पर किसी भी देवता को बिठा देते हैं। और क्या अधिक कहूं कुछ लोग ऐसे देखे मैंने जो विवाह संपन्न होने के बाद में अपनी पत्रिका भी पीपल में चढ़ा देते हैं। और एक हमारे भक्त मेहता नरसी जी हैं, जो सर्वप्रथम मायरो री कुमकुमं पत्रिका पीपल के पेड़ पर अर्पित करते हैं, क्योंकि उनका भाव था कि यह पीपल का पेड़ नहीं साक्षात भगवान
श्री कृष्ण हैं।
अगर आपको मूर्ति बनानी हैं, तो आप गोमय से मूर्ति बनाएं और पूजा संपन्न होने के बाद पीपल के पेड़ में ना बिठाकर उसे किसी जल में रख देंवे और फिर उस जल को अगर आप पीपल के पेड़ पर चढ़ाएंगे तो पीपल के पेड़ को भी पुष्टि मिलेगी। ऐसा करना भी आपकी भक्ति में एक नंबर बढ़ा देगा । देखा जाए तो इतनी बड़ी विशाल मूर्ति बनाने की आवश्यकता ही नहीं हैं, परंतु  यह हमने भगवान की मूर्ति नहीं हमारे अहंकार की मूर्ति बनाई हैं।
हमें पता हैं, हमारी इस बात का आप लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। परंतु हमारा सिर्फ कहने का कार्य हैं, जिस प्रकार घर में पिता पुत्र को संबोधित करते हुए कोई कार्य बताते हैं, और यदि उस कार्य को पुत्र नहीं करें तो पिता का सिर्फ कहने का कार्य था। जो उन्होंने कर दिया इसी प्रकार अगर आप लोग करें तो हमारा सनातन धर्म और मजबूत बनेगा, और लोगों को प्रेरणा मिलेगी। जिससे हम गलत मार्ग पर जा रहे हैं। उसे हम सही कर सकेंगे परंतु सबको जागृत होना पड़ेगा ।

परम पूज्य गोवत्स
श्री राधाकृष्ण जी महाराज के शिष्य

गोवत्स श्री मोहित मुदगल जी महाराज 

प्रतिदिन हरि नाम संकीर्तन सेवा
विश्व गौ सेवा
जागृति मिशन

आप सभी हरि वैष्णव जन को कृष्ण जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।

साथ निभाना साथिया मैं काम कर चुके गोपी बहू टीवी एक्टर देवोलीना भट्टाचार्य जी को जन्माष्टमी की हार्दिक शुभकामनाएं देता हूं।

जन्माष्टमी महोत्सव 19/8/2022 को मनाया जाएगा , हर बार दो उत्सव मनाए जाते हैं जानिए इसका क्या कारण हैं?

जन्माष्टमी महोत्सव 19/8/2022 को मनाया जाएगा।

पंचांग के अनुसार हर बार दो उत्सव मनाए जाते हैं। जानिए क्यों मनाए जाते हैं?

स्मार्त एवं वैष्णव में भेद

व्रत-उपवास आदि करने वालों को ‘वैष्णव’ व ‘स्मार्त’ में भेद का ज्ञान होना अतिआवश्यक है। हम यहां ‘वैष्णव’ व ‘स्मार्त’ का भेद स्पष्ट कर रहे हैं।

‘वैष्णव’- जिन लोगों ने किसी विशेष संप्रदाय के धर्माचार्य से दीक्षा लेकर कंठी-तुलसी माला, तिलक आदि धारण करते हुए तप्त मुद्रा से शंख-चक्र अंकित करवाए हों, वे सभी ‘वैष्णव’ के अंतर्गत आते हैं।

‘स्मार्त’- वे सभी जो वेद-पुराणों के पाठक, आस्तिक, पंच देवों (गणेश, विष्णु,‍ शिव, सूर्य व दुर्गा) के उपासक व गृहस्थ हैं, ‘स्मार्त’ के अंतर्गत आते हैं।

कई पंडित यह बता देते हैं कि  जो गृहस्थ जीवन  बिताते हैं वे स्मार्त होते हैं और कंठी माला धारण करने वाले साधु-संत वैष्णव  होते हैं जबकि ऐसा नहीं है जो व्यक्ति श्रुति स्मृति में विश्वास रखता है। पंचदेव अर्थात ब्रह्मा , विष्णु , महेश , गणेश , उमा को मानता है , वह स्मार्त हैं

प्राचीनकाल में अलग-अलग देवता को मानने वाले संप्रदाय अलग-अलग थे। श्री आदिशंकराचार्य द्वारा यह प्रतिपादित किया गया कि सभी देवता ब्रह्मस्वरूप हैं तथा जन साधारण ने उनके द्वारा बतलाए गए मार्ग को अंगीकार कर लिया तथा स्मार्त कहलाये।

जो किसी वैष्णव सम्प्रदाय के गुरु या धर्माचार्य से विधिवत दीक्षा लेता है तथा गुरु से कंठी या तुलसी माला गले में ग्रहण करता है या तप्त मुद्रा से शंख चक्र का निशान गुदवाता है । ऐसे व्यक्ति ही वैष्णव कहे जा सकते है अर्थात वैष्णव को सीधे शब्दों में कहें तो गृहस्थ से दूर रहने वाले लोग।

वैष्णव धर्म या वैष्णव सम्प्रदाय का प्राचीन नाम भागवत धर्म या पांचरात्र मत है। इस सम्प्रदाय के प्रधान उपास्य देव वासुदेव हैं, जिन्हें छ: गुणों ज्ञान, शक्ति, बल, वीर्य, ऐश्वर्य और तेज से सम्पन्न होने के कारण भगवान या ‘भगवत’ कहा गया है और भगवत के उपासक भागवत कहलाते हैं।

इस सम्प्रदाय की पांचरात्र संज्ञा के सम्बन्ध में अनेक मत व्यक्त किये गये हैं।

‘महाभारत’के अनुसार चार वेदों और सांख्ययोग के समावेश के कारण यह नारायणीय महापनिषद पांचरात्र कहलाता है।

नारद पांचरात्र के अनुसार इसमें ब्रह्म, मुक्ति, भोग, योग और संसार–पाँच विषयों का ‘रात्र’ अर्थात ज्ञान होने के कारण यह पांचरात्र है।

‘ईश्वरसंहिता’, ‘पाद्मतन्त’, ‘विष्णुसंहिता’ और ‘परमसंहिता’ ने भी इसकी भिन्न-भिन्न प्रकार से व्याख्या की है।

‘शतपथ ब्राह्मण’ के अनुसार सूत्र की पाँच रातों में इस धर्म की व्याख्या की गयी थी, इस कारण इसका नाम पांचरात्र पड़ा। इस धर्म के ‘नारायणीय’, ऐकान्तिक’ और ‘सात्वत’ नाम भी प्रचलित रहे हैं।

प्रायः पंचांगों में एकादशी व्रत , जन्माष्टमी व्रत स्मार्त जनों के लिए पहले दिन और वैष्णव लोगों के लिए दूसरे दिन बताया जाता है । इससे जनसाधारण भ्रम में पड जाते हैं। दशमी तिथि का मान 55 घटी से ज्यादा हो तो वैष्णव जन द्वादशी तिथि को व्रत रखते हैं अन्यथा एकादशी को ही रखते है। इसी तरह स्मार्त जन अर्ध्दरात्री को अष्टमी पड रही हो तो उसी दिन जन्माष्टमी मनाते हैं। जबकी वैष्णवजन उदया तिथी को जन्माष्टमी मनाते हैं एवं व्रत भी उसी दिन रखते हैं।

दैनिक पञ्चांग

05/08/2022
🚩श्री हरिराम बाबा नम:🚩
📜 दैनिक पंचांग 📜

☀ 05 – Aug – 2022
🔅 तिथि अष्टमी +03:58 AM
🔅 नक्षत्र स्वाति 06:37 PM
🔅 करण :
विष्टि 04:37 PM
बव 04:37 PM
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग शुभ 02:52 PM
🔅 वार शुक्रवार
☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 05:44 AM
🔅 चन्द्रोदय 12:33 PM
🔅 चन्द्र राशि तुला
🔅 सूर्यास्त 07:09 PM
🔅 चन्द्रास्त 11:42 PM
🔅 ऋतु वर्षा
☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1944 शुभकृत
🔅 कलि सम्वत 5124
🔅 दिन काल 01:25 PM
🔅 विक्रम सम्वत 2079
🔅 मास अमांत श्रावण
🔅 मास पूर्णिमांत श्रावण
☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:00:05 – 12:53:45
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 08:25 AM – 09:19 AM
🔅 कंटक 01:47 PM – 02:41 PM
🔅 यमघण्ट 05:22 PM – 06:15 PM
🔅 राहु काल 10:46 AM – 12:26 PM
🔅 कुलिक 08:25 AM – 09:19 AM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 03:34 PM – 04:28 PM
🔅 यमगण्ड 03:48 PM – 05:28 PM
🔅 गुलिक काल 07:25 AM – 09:05 AM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पश्चिम
☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, कृत्तिका, मृगशिरा, आर्द्रा, पुनर्वसु, पुष्य, मघा, उत्तरा फाल्गुनी, चित्रा, स्वाति, विशाखा, अनुराधा, मूल, उत्तराषाढ़ा, धनिष्ठा, शतभिषा, पूर्वाभाद्रपद, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 मेष, वृषभ, सिंह, तुला, धनु, मकर

दैनिक पञ्चांग

पं औंकार मुदगल वास्तु एवं ज्योतिष विशेषज्ञ

गोवत्स पंडित मोहित मुदगल

वक्ता नानी बाई रो मायरो

हस्तरेखा एवं वास्तु विशेषज्ञ

🚩श्री गणेशाय नम:🚩
📜 दैनिक पंचांग 📜

☀ 01 – Aug -2022
🔅 तिथि चतुर्थी +05:15 AM
🔅 नक्षत्र पूर्वा फाल्गुनी 04:07 PM
🔅 करण :
वणिज 04:50 PM
विष्टि 04:50 PM
🔅 पक्ष शुक्ल
🔅 योग परिघ 07:03PM
🔅 वार सोमवार

☀ सूर्य व चन्द्र से संबंधित गणनाएँ
🔅 सूर्योदय 05:42AM
🔅 चन्द्रोदय 08:41AM
🔅 चन्द्र राशि सिंह
🔅 सूर्यास्त 07:12PM
🔅 चन्द्रास्त 09:37PM
🔅 ऋतु वर्षा

☀ हिन्दू मास एवं वर्ष
🔅 शक सम्वत 1944 शुभकृत
🔅 कलि सम्वत 5124
🔅 दिन काल 01:30 PM
🔅 विक्रम सम्वत 2079
🔅 मास अमांत श्रावण
🔅 मास पूर्णिमांत श्रावण

☀ शुभ और अशुभ समय
☀ शुभ समय
🔅 अभिजित 12:00:13 – 12:54:15
☀ अशुभ समय
🔅 दुष्टमुहूर्त 12:54 PM – 01:48 PM
🔅 कंटक 08:24 AM – 09:18 AM
🔅 यमघण्ट 12:00 PM – 12:54 PM
🔅 राहु काल 07:23 AM – 09:04 AM
🔅 कुलिक 03:36 PM – 04:30 PM
🔅 कालवेला या अर्द्धयाम 10:12 AM – 11:06 AM
🔅 यमगण्ड 10:45 AM – 12:27 PM
🔅 गुलिक काल 02:08 PM – 03:49 PM
☀ दिशा शूल
🔅 दिशा शूल पूर्व

☀ चन्द्रबल और ताराबल
☀ ताराबल
🔅 अश्विनी, भरणी, कृत्तिका, रोहिणी, आर्द्रा, पुष्य, मघा, पूर्वा फाल्गुनी, उत्तरा फाल्गुनी, हस्त, स्वाति, अनुराधा, मूल, पूर्वाषाढ़ा, उत्तराषाढ़ा, श्रवण, शतभिषा, उत्तराभाद्रपद
☀ चन्द्रबल
🔅 मिथुन, सिंह, तुला, वृश्चिक, कुम्भ, मीन

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दैनिक राशिफल

पं औंकार मुदगल वास्तु एवं ज्योतिष विशेषज्ञ

आज का राशिफल

1) मेष राशि  (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ)
आज के दिन स्थिति में सुधार आने से राहत अनुभव करेंगे। कुछ दिनों से चल रही शारीरिक एवं पारिवारिक समस्याओं का समाधान होने से मानसिक शांति मिलेगी। आज सामाजिक कार्य के प्रति अधिक रूचि दिखाएंगे। कला एवं खाद्य पदार्थ के क्षेत्र से जुड़े जातको के लिए आज का दिन लाभदायी सिद्ध होगा। लेकिन आज किसी के ऊपर भी आंख बंद कर भरोसा ना करें खास कर उधारी वाले मामलो में सतर्कता बरते अन्यथा हानि भी हो सकती है। मित्रो के ऊपर खर्च होगा। संतान की प्रगति के समाचार मिलेंगे।

2)वृष राशि  (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो)
आज का दिन विषम परिस्थितियों वाला रहेगा। आज मन में भावुकता एवं क्रोध की अधिकता रहने से छोटी-छोटी बातों को दिल से लगा लेंगे जो बातें आपके काम की नही उन्हें अनदेखा करें अन्यथा मामूली बात गंभीर विवाद का रूप ले सकती है। मध्यान पश्चात संतान और जीवनसाथी के स्वास्थ्य ख़राब हो सकता है। वाणी एवं व्यवहार संयमित रखें अन्यथा सम्मान में कमी आ सकती है। सरकारी कार्यो को संभवतः टाले निर्णय आपके विपरीत रहेंगे। धन लाभ की जगह खर्च अधिक रहेंगे। यात्रा आज ना करें।

3)मिथुन राशि (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा)
आज का दिन घर एवं बाहर के वातावरण में बदलाव लाने वाला रहेगा। दिनभर सेहत थोड़ी नरम रहने से आलस्य रहेगा फिर भी आज आप घरेलु समस्याओं के समाधान के प्रति अधिक सतर्क रहेंगे। आज वाणी एवं व्यवहार में भी कल की अपेक्षा नरमी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज कुछ महत्त्वपूर्ण बदलाव कर सकते है। धन की आमद रुक रुक कर होते रहने से संतोष करेंगे। संध्या के समय मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे। विद्यार्थियों के लिये आज का दिन कुछ परेशानी वाला हो सकता है।

4)कर्क राशि (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो)
आज प्रातः काल से ही किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के कारण भाग-दौड़ रहेगी लेकिन सफलता को लेकर मन में संशय रहेगा। परिजनों से भी आज मामूली घरेलु कारणों से मतभेद होगा इसके कारण दिन भर दिमाग मे उल्टे सीधे विचार आएंगे संध्या के समय मामला सुलझने से राहत मिलेगी। संतानों के भविष्य के कारण भी चिंता रहेगी। मध्यान के बाद किसी स्त्री द्वारा अथवा सहयोग से आर्थिक अथवा अन्य लाभ की संभावना है। नौकरी पेशा जातक अधिकारी वर्ग से सतर्क रहें। आलस्य भारी पड़ सकता है।

5)सिंह राशि (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे)
आज के दिन आपका मन अनिर्णय की स्थिति में रहेगा मानसिक स्थिति पल पल में बदलने के कारण दिनचर्या में विलंब होगा। दिन के पूर्वार्ध में प्रत्येक कार्य सोच विचार कर करें। नए कार्य का आरम्भ आज करना उचित नहीं। आज किये अधिकांश कार्य अधूरे रहेंगे। स्वभाव की मनमानी के चलते परिवार के बुजुर्गो अथवा कार्य क्षेत्र में आधिकारियो के साथ मनमुटाव हो सकता है। क्रोध एवं वाणी में संयम रखकर आज का दिन शांति से बिताना ही हितकर रहेगा। सेहत भी मानसिक स्थिति की तरह नरम गरम बनी रहेगी।

6)कन्या राशि (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो)
आज के दिन भी परिस्थितियां प्रतिकूल रहने से कोई राहत नहीं मिलेगी। मन किसी अरिष्ट के भय ये व्याकुल हो सकता है। आर्थिक पक्ष कमजोर होने से मानसिक चिंता बढ़ेगी। मध्यान पश्चात सेहत में अकस्मात गिरावट अथवा अन्य रूप से शारीरिक कष्ट हो सकता है। स्वाभाव में रूखापन एवं वाणी में कड़वाहट झगडे का कारण बनेगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा के चलते व्यवसाय कुछ समय के लिये ही गति पकड़ेगा इसमे जितना लाभ उठा सकते है उठायें। मध्यान का समय करामात खर्चीला भी रहेगा। आज अनैतिक कार्यो में ना पड़े।

7)तुला राशि (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते)
आर्थिक दृष्टिकोण से आज का दिन आकस्मिक फायदे कराने वाला रहेगा। आज आप किसी से अधिक व्यवहार करना पसंद नहीं करेंगे इससे कई समस्याओं से भी बचे रहेंगे। सामाजिक क्षेत्र पर भी आज आपके योगदान की प्रशंसा होगी। समाज के वरिष्ठ जनो के साथ नविन संपर्क बनेंगे। स्त्री-पुत्र अथवा बाहरी किसी महिला से लाभदायक समाचार मिल सकते है। विपरीत लिंगीय आकर्षण आज कम रहेगा। परिवार में संध्या बाद का समय थोड़ा खींचतान वाला फिर भी सुखद रहेगा। सेहत आज ठीक रहेगी।

8)वृश्चिक राशि  (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू)
आप का आज का दिन मिश्रित फलदायी है। दिन के पूर्वार्ध में सेहत में गिरावट रहने से बेचैनी बढ़ेगी। बीमारी पर आकस्मिक खर्च होगा। भाई-बंधुओ के बीच मामूली सी बात पर मनमुटाव हो सकता है। अपनी वाणी एवं व्यवहार में सावधानी बरतें। जमीन-जायदाद सम्बंधित कार्यो को फिलहाल स्थगित करें। मध्याह्न के बाद का समय अपेक्षकृत बेहतर रहेगा कार्य क्षेत्र अथवा अन्य साधनों से धन या कीमती वस्तुओ का लाभ होगा। लेकिन आज अनचाही यात्रा से थकान बढ़ेगी। धन की उधारी आज ना करें।

9) धनु राशि (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे)
आज का दिन आध्यात्म एवं धार्मिक आस्था में वृद्धि करने वाला रहेगा। पुण्योदय होने से भाग्योन्नति के अवसर मिलेंगे। फिर भी आज आपके निर्णय सही दिशा ले रहे है या नहीं इसकी जांच अवश्य कर लें। धार्मिक यात्रा देव दर्शन के योग है। घर में वैवाहिक कार्यो की रूप रेखा बनेगी। कार्य व्यवसाय पर भी दिन लाभ कराने वाला रहेगा। धन की आमद सुबह से शाम तक रुक रुक कर होती रहेगी लेकिन खर्च भी आज लगे रहने से बचत मुश्किल ही कर पाएंगे। पुराने परिचितों से भेंट होने पर कुछ परेशानी होगी। सेहत और धन संबंधित मामले दोनो से आज निश्चिन्त रहेंगे।

10) मकर राशि (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी)
आज का दिन विपरीत फल प्रदान करने वाला है। आज दिन भर सतर्क रहने की आवश्यकता है। सेहत नरम रहने से स्वभाव मे चिढ़चिढ़ापन आएगा फलस्वरूप किसी प्रियजन से मन मुटाव के प्रसंग बनेंगे। आर्थिक कारणों से चिंता बैचेनी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज अव्यवस्था बनेगी सहयोगी अथवा सहकर्मी मनमानी करेंगे फलस्वरूप लाभ भी अनिश्चित रहेगा। आकस्मिक घटनाओं से मन दुखी होगा। स्वयं अथवा किसी परिजन की सेहत पर आकस्मिक खर्च रहेगा।

11) कुंभ राशि (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा)
आज के दिन का अधिकांश समय आपके अनुकूल रहेगा। आज स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहेगा। कार्यो के प्रति आज अधिक ईमानदार रहेंगे। व्यावसायिक अथवा नौकरी अथवा अन्य किसी सम्बन्ध में लंबी यात्रा हो सकती है विदेश यात्रा के भी योग बनरहे है। मध्यान के समय शुभ समाचार मिलने से मन में आनंद छाया रहेगा धन लाभ के लिये आज इंतजार करना पड़ेगा या अल्प लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। संतानों के व्यवहार से आज थोड़ी पीड़ा भी होगी।

12) मीन राशि (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची)
आज के दिन का पहला भाग सुख शांति से व्यतीत करेंगे। कोई रुका कार्य पूर्ण होने से धन लाभ होगा। आज के दिन आप थोड़े परिश्रम में अधिक लाभ भी कमा सकते है परंतु आलस्य एवं लापरवाही के कारण महत्त्वपूर्ण सौदे हाथ से निकलने की भी सम्भावना है। भागीदारी के कार्य की अपेक्षा एकल व्यवसाय में लाभ अधिक होगा। आस पड़ोसियों के कारण परिवार में किसी बात को लेकर व्यर्थ बहस हो सकती है। ठंडी चीजो से बचे सर्द गरम की समस्या हो सकती है।

http://दैनिक राशिफलसंकलनकर्ता
गोवत्स पंडित मोहित मुदगल
वक्ता नानी बाई रो मायरो
हस्तरेखा एवं वास्तु विशेषज्ञ

संकलनकर्ता
गोवत्स पंडित मोहित मुदगल
वक्ता नानी बाई रो मायरो
हस्तरेखा एवं वास्तु विशेषज्ञ@mohitmudgal1998