2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को लगने जा रहा है. यह पूर्ण चंद्र ग्रहण होगा। भारत में दिखने के कारण का सूतक काल भी मान्य होगा. चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण लगन से 9 घंटे पहले लग जाता हैं, और ग्रहण खत्म होने के साथ ही समाप्त हो जाता है.
जानें भारत में कब दिखेगा चंद्रग्रहण?
साल 2022 का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को लगने जा रहा है। 8 नवंबर 2022 को साल का ये आखिरी चंद्र ग्रहण लगेगा। 8 नवंबर को लगने वाला चंद्र ग्रहण कार्तिक मास की पूर्णिमा तिथि के दिन लग रहा है। साल का ये अंतिम चंद्र ग्रहण पूर्ण चंद्रग्रहण होगा।
क्या होता है पूर्ण चंद्र ग्रहण (What is Chandra Grahan?)
चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य की परिक्रमा के दौरान पृथ्वी, चांद और सूर्य के बीच आ जाती है. इस दौरान चांद धरती की छाया से पूरी तरह से छुप जाता है. पूर्ण चंद्र ग्रहण के दौरान सूर्य, पृथ्वी और चंद्रमा एक दूसरे के बिल्कुल सीध में होते हैं. इस दौरान जब हम धरती से चांद देखते हैं तो वह हमें काला नजर आता है और इसे चंद्रग्रहण कहा जाता है.
साल का आखिरी चंद्र ग्रहण 8 नवंबर 2022 को भारत में 5 बजकर 32 मिनट से दिखाई देना शुरू होगा और शाम 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। ऐसे में चंद्र ग्रहण का सूतक काल सुबह 9 बजकर 21 मिनट से शुरू होगा और 6 बजकर 18 मिनट पर समाप्त हो जाएगा। साल का ये आखिरी चंद्र ग्रहण मेष राशि में लगेगा।
कहां-कहां दिखाई देगा ये चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022 Visibility)
यह चंद्र ग्रहण मुख्य रूप से उत्तरी-पूर्वी यूरोप, एशिया, ऑस्ट्रेलिया, प्रशान्त महासागर, हिन्द महासागर, उत्तर अमेरिका और दक्षिण अमेरिका के अधिकांश हिस्सों से दर्शनीय होगा. दक्षिणी-पश्चिमी यूरोप और अफ्रीका महाद्वीप से कोई ग्रहण दिखाई नहीं देगा.
भारत में कहां दिखाई देगा चंद्र ग्रहण (Chandra Grahan 2022 Visibility In India)
भारत में, पूर्ण ग्रहण संपूर्ण भारत में दिखाई देगा।
चंद्र ग्रहण का सूतक काल …..
ज्योतिष शास्त्रों के मुताबिक, चंद्र ग्रहण का सूतक काल ग्रहण से 9 घंटे पहले शुरू हो जाता है। ये चंद्र ग्रहण भारत में भी नजर आएगा इसलिए ग्रहण के दौरान इसका सूतक काल भारत में भी मान्य होगा।
चंद्र ग्रहण के दौरान इन बातों का रखें खास ख्याल
ग्रहण के दौरान किसी भी तरह की यात्रा करने से बचें …..
सूतक काल के दौरान घर पर ही रहें. कोशिश करें कि ग्रहण की रोशनी आपने घर के अंदर प्रवेश ना करें.
सूर्य ग्रहण की तरह की चंद्र ग्रहण को भी नग्न आंखों से नहीं देखना चाहिए।
ग्रहण से पहले और ग्रहण के बाद स्नान अवश्य करना चाहिए। कहा जाता है ऐसा करने से ग्रहण का कोई भी नकारात्मक प्रभाव नहीं रहता।
सूतक काल के दौरान कुछ भी खाने पीने बचें…….
अगर ग्रहण से पहले कुछ भोजन बच गया है, तो ग्रहण खत्म होने के बाद इसका सेवन ना करें और नया भोजन बनाकर ही उसका सेवन करें।
चंद्र ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं रखें इन बातों का ख्याल (Chandra Grahan Precaution For Pregnant Ladies)
ग्रहण के दौरान गर्भवती महिलाएं घर से बाहर निकलने से बचें….
किसी भी परिस्थिति में ग्रहण को ना देखें।
ग्रहण के दौरान अपने पास दूर्वा घास रखें।
इस दौरान सिलाई, कढ़ाई, बुनाई जैसा कोई भी काम ना करें।
शांति से काम लें और किसी भी प्रकार का मानसिक या फिर शारीरिक तनाव न लें।
चंद्र ग्रहण के उपाय (Chandra Grahan Upay)
चंद्र ग्रहण के दौरान पूजा और भगवान का ध्यान करें. इस तरह देवताओं की पूजा करना शुभ माना जाता है।
चंद्र ग्रहण के दौरान कुछ भी खाने पीने से बचना चाहिए, कहा जाता है कि ग्रहण के समय हमारे आसपास कई तरह के बैक्टीरिया पैदा होते हैं जो खाने के अंदर शामिल होकर आपके शरीर में जा सकते हैं।
चंद्र ग्रहण के बाद स्नान और दान का काफी खास महत्व है, मान्यता के अनुसार, चंद्र ग्रहण के दिन गंगा नदी में स्नान करने के बाद अगर दान करते हैं तो काफी ज्यादा शुभ माना जाता है।
गोवत्स पंडित मोहित मुदगल जी महाराज वक्ता नानी बाई रो मायरो प्रतिदिन हरिनाम संकीर्तन सेवा विश्व गौ सेवा जागृति मिशन
दिवाली का त्योहार 24 अक्तूबर को पूरे देश में धूमधाम से मनाया जा रहा है। इसके अगले दिन यानि 25 अक्तूबर को साल का दूसरा और अंतिम सूर्य ग्रहण लगेगा। भारत में यह सूर्य ग्रहण आंशिक रूप से देखा जा सकेगा। ये सूर्य ग्रहण 4 घंटे, 3 मिनट का होगा. सूर्य ग्रहण दोपहर में 02 बजकर 29 मिनट पर लगेगा और इसका समापन शाम 06 बजकर 32 मिनट पर होगा। भारत में इसकी शुरुआत शाम को 04 बजकर 22 मिनट से होगी और यहां यह सूर्यास्त के साथ ही समाप्त हो जाएगा। सूतक सूर्यग्रहण से 12 घंटे पहले लगता है। भारत में सूर्य ग्रहण का आरंभ शाम 04:22 से होगया, ऐसे में यहां सूतक 25 अक्तूबर को ही सुबह 04:22 मिनट से लागू हो जाएंगे। यानि दिवाली की अगली सुबह ही सूतक काल लगेगा। सूतक के दौरान कुछ नियमों का पालन करना आवश्यक है। आइए जानते हैं क्या हैं वो जरूरी नियम।
इन नियमों का करें पालन
सूतक काल में न ही भोजन बनाया जाता है और न ही ग्रहण किया जाता। हालांकि बीमार, वृद्ध और गर्भवती महिलाओं के लिए इस तरह के नियम लागू नहीं हैं। यदि भोजन पहले से बना रखा है तो उसमें तुलसी का पत्ता तोड़कर डाल दें। दूध और इससे बनी चीजों, पानी में भी तुलसी का पत्ता डालें। तुलसी के पत्ते के कारण दूषित वातावरण का प्रभाव खाद्य वस्तुओं पर नहीं पड़ता।
सूतक लगने के साथ गर्भवती महिलाएं विशेष रूप से ध्यान रखें। सूतक काल से लेकर ग्रहण पूरा होने तक घर से न निकलें और अपने पेट के हिस्से पर गेरू लगाकर रखें।
सूतक काल से ग्रहण काल समाप्त होने तक गर्भवती स्त्रियां किसी भी प्रकार की नुकीली वस्तुओं का इस्तेमाल न करें। सूतक काल में घर के मंदिर में भी पूजा पाठ न करें। इसके स्थान पर मानसिक जाप करना फलदायी रहेगा।
यह सभी मुहूर्त सर्वश्रेष्ठ हैं आप अपने सुविधाजनक पूजा कर सकते हैं ।
१) धनतेरस का शास्त्रोक्त नियम :
धनतेरस कार्तिक माह में कृष्ण पक्ष के उदयव्यापिनी तिथि को मनाई जाती हैं। यहां उदयव्यापिनी तिथि से मतलब है कि , जो तिथि सूर्य उदय के सात उदित होती है, उस दिन धनतेरस मनाई जाती हैं।
धनतेरस के दिन धन्वंतरि भगवान की पूजा की जाती हैं,, और शास्त्रों में षोडशोपचार पूजा का विधान हैं। षोडशोपचार यानी विधिवत रूप से 16 क्रियाओं से पूजा संपन्न करना हैं।
२) धनतेरस पर क्या खरीदना चाहिए ?
धनतेरस के दिन नई चीज जैसे सोना, चांदी, पीतल, खरीदना शुभ माना गया हैं। इसके अलावा इस दिन धनिया खरीदना एवं झाड़ू खरीदना भी बहुत शुभ माना गया है, झाड़ू 1,3,5 की संख्या में ही लेवे।
३) धनतेरस क्यों मनाया जाता हैं?
धनतेरस भगवान धनवंतरी के प्रकट होने के रूप में मनाया जाता हैं। शास्त्रों के अनुसार दीपावली से पूर्व धन्वंतरी भगवान समुद्र मंथन से अमृत का कलश लेकर उत्पन्न हुए थे । इसलिए धनतेरस को धन्वंतरी जयंती भी कहते हैं ।
गोवत्स पंडित मोहित मुदगल जी महाराज वक्ता नानी बाई रो मायरो
जय श्री कृष्ण सभी हरि वैष्णव जन को गणेश चतुर्थी की बहुत-बहुत मंगलकामनाएं।
आप सभी हरि वैष्णव जन आज रिद्धि सिद्धि के दाता गणेश जी महाराज की पूजा अर्चना करें और एक विनम्र निवेदन हैं, की आप हर साल की भांति इस साल भी गणेश जी महाराज को अपने घर लेकर आते हैं और उनकी पूजा अर्चना करते हैं। तो भैया गणेश जी को लाने की आवश्यकता ही नहीं हैं, वह तो पहले ही आपके घर में विराजमान हैं। अगर लाते हैं, तो आपका भाव हैं,घर लाने के बाद सिर्फ गणेश चतुर्थी के दिन ही नहीं प्रतिदिन उनकी सेवा करें। बहुत सारे लोग खुशी – खुशी में ले तो आते हैं, फिर 10 दिन बाद उनको पीपल के पेड़ पर बिठा देते हैं। ऐसा क्यों करते हो जिस भगवान की इतनी पूजा अर्चना की और गणेश चतुर्थी के बाद उनको पीपल के पेड़ पर बिठा दिया, तो कृपया अपने धर्म का मजाक ना उड़ावे कोई भी देवता को पहले घर में लाते हैं , फिर बाद में पीपल के पेड़ के नीचे बैठा देते हैं। नवरात्रि के अंदर माताजी को घर में लाते हैं फिर 9 दिन के बाद में पीपल के पेड़ पर बिठा देते हैं अरे भैया आपने पीपल के पेड़ को समझ क्या रखा है? पीपल का पेड़ साक्षात भगवान श्रीकृष्ण हैं, परंतु कोई भी अनावश्यक वस्तु हो उसको जाकर पीपल के पेड़ पर बिठा देते हो, कितना बुरा लगता है, इसका परंतु एक आदमी जैसा कर रहा है, वैसा ही सबको करना हैं। एक तो आप लोग हैं, जो पीपल पर किसी भी देवता को बिठा देते हैं। और क्या अधिक कहूं कुछ लोग ऐसे देखे मैंने जो विवाह संपन्न होने के बाद में अपनी पत्रिका भी पीपल में चढ़ा देते हैं। और एक हमारे भक्त मेहता नरसी जी हैं, जो सर्वप्रथम मायरो री कुमकुमं पत्रिका पीपल के पेड़ पर अर्पित करते हैं, क्योंकि उनका भाव था कि यह पीपल का पेड़ नहीं साक्षात भगवान श्री कृष्ण हैं। अगर आपको मूर्ति बनानी हैं, तो आप गोमय से मूर्ति बनाएं और पूजा संपन्न होने के बाद पीपल के पेड़ में ना बिठाकर उसे किसी जल में रख देंवे और फिर उस जल को अगर आप पीपल के पेड़ पर चढ़ाएंगे तो पीपल के पेड़ को भी पुष्टि मिलेगी। ऐसा करना भी आपकी भक्ति में एक नंबर बढ़ा देगा । देखा जाए तो इतनी बड़ी विशाल मूर्ति बनाने की आवश्यकता ही नहीं हैं, परंतु यह हमने भगवान की मूर्ति नहीं हमारे अहंकार की मूर्ति बनाई हैं। हमें पता हैं, हमारी इस बात का आप लोगों पर कोई असर नहीं पड़ेगा। परंतु हमारा सिर्फ कहने का कार्य हैं, जिस प्रकार घर में पिता पुत्र को संबोधित करते हुए कोई कार्य बताते हैं, और यदि उस कार्य को पुत्र नहीं करें तो पिता का सिर्फ कहने का कार्य था। जो उन्होंने कर दिया इसी प्रकार अगर आप लोग करें तो हमारा सनातन धर्म और मजबूत बनेगा, और लोगों को प्रेरणा मिलेगी। जिससे हम गलत मार्ग पर जा रहे हैं। उसे हम सही कर सकेंगे परंतु सबको जागृत होना पड़ेगा ।
परम पूज्य गोवत्स श्री राधाकृष्ण जी महाराज के शिष्य
गोवत्स श्री मोहित मुदगल जी महाराज
प्रतिदिन हरि नाम संकीर्तन सेवा विश्व गौ सेवा जागृति मिशन
पंचांग के अनुसार हर बार दो उत्सव मनाए जाते हैं। जानिए क्यों मनाए जाते हैं?
स्मार्त एवं वैष्णव में भेद
व्रत-उपवास आदि करने वालों को ‘वैष्णव’ व ‘स्मार्त’ में भेद का ज्ञान होना अतिआवश्यक है। हम यहां ‘वैष्णव’ व ‘स्मार्त’ का भेद स्पष्ट कर रहे हैं।
‘वैष्णव’- जिन लोगों ने किसी विशेष संप्रदाय के धर्माचार्य से दीक्षा लेकर कंठी-तुलसी माला, तिलक आदि धारण करते हुए तप्त मुद्रा से शंख-चक्र अंकित करवाए हों, वे सभी ‘वैष्णव’ के अंतर्गत आते हैं।
‘स्मार्त’- वे सभी जो वेद-पुराणों के पाठक, आस्तिक, पंच देवों (गणेश, विष्णु, शिव, सूर्य व दुर्गा) के उपासक व गृहस्थ हैं, ‘स्मार्त’ के अंतर्गत आते हैं।
कई पंडित यह बता देते हैं कि जो गृहस्थ जीवन बिताते हैं वे स्मार्त होते हैं और कंठी माला धारण करने वाले साधु-संत वैष्णव होते हैं जबकि ऐसा नहीं है जो व्यक्ति श्रुति स्मृति में विश्वास रखता है। पंचदेव अर्थात ब्रह्मा , विष्णु , महेश , गणेश , उमा को मानता है , वह स्मार्त हैं
प्राचीनकाल में अलग-अलग देवता को मानने वाले संप्रदाय अलग-अलग थे। श्री आदिशंकराचार्य द्वारा यह प्रतिपादित किया गया कि सभी देवता ब्रह्मस्वरूप हैं तथा जन साधारण ने उनके द्वारा बतलाए गए मार्ग को अंगीकार कर लिया तथा स्मार्त कहलाये।
जो किसी वैष्णव सम्प्रदाय के गुरु या धर्माचार्य से विधिवत दीक्षा लेता है तथा गुरु से कंठी या तुलसी माला गले में ग्रहण करता है या तप्त मुद्रा से शंख चक्र का निशान गुदवाता है । ऐसे व्यक्ति ही वैष्णव कहे जा सकते है अर्थात वैष्णव को सीधे शब्दों में कहें तो गृहस्थ से दूर रहने वाले लोग।
वैष्णव धर्म या वैष्णव सम्प्रदाय का प्राचीन नाम भागवत धर्म या पांचरात्र मत है। इस सम्प्रदाय के प्रधान उपास्य देव वासुदेव हैं, जिन्हें छ: गुणों ज्ञान, शक्ति, बल, वीर्य, ऐश्वर्य और तेज से सम्पन्न होने के कारण भगवान या ‘भगवत’ कहा गया है और भगवत के उपासक भागवत कहलाते हैं।
इस सम्प्रदाय की पांचरात्र संज्ञा के सम्बन्ध में अनेक मत व्यक्त किये गये हैं।
‘महाभारत’के अनुसार चार वेदों और सांख्ययोग के समावेश के कारण यह नारायणीय महापनिषद पांचरात्र कहलाता है।
नारद पांचरात्र के अनुसार इसमें ब्रह्म, मुक्ति, भोग, योग और संसार–पाँच विषयों का ‘रात्र’ अर्थात ज्ञान होने के कारण यह पांचरात्र है।
‘ईश्वरसंहिता’, ‘पाद्मतन्त’, ‘विष्णुसंहिता’ और ‘परमसंहिता’ ने भी इसकी भिन्न-भिन्न प्रकार से व्याख्या की है।
‘शतपथ ब्राह्मण’ के अनुसार सूत्र की पाँच रातों में इस धर्म की व्याख्या की गयी थी, इस कारण इसका नाम पांचरात्र पड़ा। इस धर्म के ‘नारायणीय’, ऐकान्तिक’ और ‘सात्वत’ नाम भी प्रचलित रहे हैं।
प्रायः पंचांगों में एकादशी व्रत , जन्माष्टमी व्रत स्मार्त जनों के लिए पहले दिन और वैष्णव लोगों के लिए दूसरे दिन बताया जाता है । इससे जनसाधारण भ्रम में पड जाते हैं। दशमी तिथि का मान 55 घटी से ज्यादा हो तो वैष्णव जन द्वादशी तिथि को व्रत रखते हैं अन्यथा एकादशी को ही रखते है। इसी तरह स्मार्त जन अर्ध्दरात्री को अष्टमी पड रही हो तो उसी दिन जन्माष्टमी मनाते हैं। जबकी वैष्णवजन उदया तिथी को जन्माष्टमी मनाते हैं एवं व्रत भी उसी दिन रखते हैं।
1) मेष राशि (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज के दिन स्थिति में सुधार आने से राहत अनुभव करेंगे। कुछ दिनों से चल रही शारीरिक एवं पारिवारिक समस्याओं का समाधान होने से मानसिक शांति मिलेगी। आज सामाजिक कार्य के प्रति अधिक रूचि दिखाएंगे। कला एवं खाद्य पदार्थ के क्षेत्र से जुड़े जातको के लिए आज का दिन लाभदायी सिद्ध होगा। लेकिन आज किसी के ऊपर भी आंख बंद कर भरोसा ना करें खास कर उधारी वाले मामलो में सतर्कता बरते अन्यथा हानि भी हो सकती है। मित्रो के ऊपर खर्च होगा। संतान की प्रगति के समाचार मिलेंगे।
2)वृष राशि (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो) आज का दिन विषम परिस्थितियों वाला रहेगा। आज मन में भावुकता एवं क्रोध की अधिकता रहने से छोटी-छोटी बातों को दिल से लगा लेंगे जो बातें आपके काम की नही उन्हें अनदेखा करें अन्यथा मामूली बात गंभीर विवाद का रूप ले सकती है। मध्यान पश्चात संतान और जीवनसाथी के स्वास्थ्य ख़राब हो सकता है। वाणी एवं व्यवहार संयमित रखें अन्यथा सम्मान में कमी आ सकती है। सरकारी कार्यो को संभवतः टाले निर्णय आपके विपरीत रहेंगे। धन लाभ की जगह खर्च अधिक रहेंगे। यात्रा आज ना करें।
3)मिथुन राशि (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा) आज का दिन घर एवं बाहर के वातावरण में बदलाव लाने वाला रहेगा। दिनभर सेहत थोड़ी नरम रहने से आलस्य रहेगा फिर भी आज आप घरेलु समस्याओं के समाधान के प्रति अधिक सतर्क रहेंगे। आज वाणी एवं व्यवहार में भी कल की अपेक्षा नरमी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज कुछ महत्त्वपूर्ण बदलाव कर सकते है। धन की आमद रुक रुक कर होते रहने से संतोष करेंगे। संध्या के समय मनोरंजन के अवसर तलाशेंगे। विद्यार्थियों के लिये आज का दिन कुछ परेशानी वाला हो सकता है।
4)कर्क राशि (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) आज प्रातः काल से ही किसी महत्त्वपूर्ण कार्य के कारण भाग-दौड़ रहेगी लेकिन सफलता को लेकर मन में संशय रहेगा। परिजनों से भी आज मामूली घरेलु कारणों से मतभेद होगा इसके कारण दिन भर दिमाग मे उल्टे सीधे विचार आएंगे संध्या के समय मामला सुलझने से राहत मिलेगी। संतानों के भविष्य के कारण भी चिंता रहेगी। मध्यान के बाद किसी स्त्री द्वारा अथवा सहयोग से आर्थिक अथवा अन्य लाभ की संभावना है। नौकरी पेशा जातक अधिकारी वर्ग से सतर्क रहें। आलस्य भारी पड़ सकता है।
5)सिंह राशि (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे) आज के दिन आपका मन अनिर्णय की स्थिति में रहेगा मानसिक स्थिति पल पल में बदलने के कारण दिनचर्या में विलंब होगा। दिन के पूर्वार्ध में प्रत्येक कार्य सोच विचार कर करें। नए कार्य का आरम्भ आज करना उचित नहीं। आज किये अधिकांश कार्य अधूरे रहेंगे। स्वभाव की मनमानी के चलते परिवार के बुजुर्गो अथवा कार्य क्षेत्र में आधिकारियो के साथ मनमुटाव हो सकता है। क्रोध एवं वाणी में संयम रखकर आज का दिन शांति से बिताना ही हितकर रहेगा। सेहत भी मानसिक स्थिति की तरह नरम गरम बनी रहेगी।
6)कन्या राशि (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो) आज के दिन भी परिस्थितियां प्रतिकूल रहने से कोई राहत नहीं मिलेगी। मन किसी अरिष्ट के भय ये व्याकुल हो सकता है। आर्थिक पक्ष कमजोर होने से मानसिक चिंता बढ़ेगी। मध्यान पश्चात सेहत में अकस्मात गिरावट अथवा अन्य रूप से शारीरिक कष्ट हो सकता है। स्वाभाव में रूखापन एवं वाणी में कड़वाहट झगडे का कारण बनेगी। कार्य क्षेत्र पर प्रतिस्पर्धा के चलते व्यवसाय कुछ समय के लिये ही गति पकड़ेगा इसमे जितना लाभ उठा सकते है उठायें। मध्यान का समय करामात खर्चीला भी रहेगा। आज अनैतिक कार्यो में ना पड़े।
7)तुला राशि (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) आर्थिक दृष्टिकोण से आज का दिन आकस्मिक फायदे कराने वाला रहेगा। आज आप किसी से अधिक व्यवहार करना पसंद नहीं करेंगे इससे कई समस्याओं से भी बचे रहेंगे। सामाजिक क्षेत्र पर भी आज आपके योगदान की प्रशंसा होगी। समाज के वरिष्ठ जनो के साथ नविन संपर्क बनेंगे। स्त्री-पुत्र अथवा बाहरी किसी महिला से लाभदायक समाचार मिल सकते है। विपरीत लिंगीय आकर्षण आज कम रहेगा। परिवार में संध्या बाद का समय थोड़ा खींचतान वाला फिर भी सुखद रहेगा। सेहत आज ठीक रहेगी।
8)वृश्चिक राशि (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू) आप का आज का दिन मिश्रित फलदायी है। दिन के पूर्वार्ध में सेहत में गिरावट रहने से बेचैनी बढ़ेगी। बीमारी पर आकस्मिक खर्च होगा। भाई-बंधुओ के बीच मामूली सी बात पर मनमुटाव हो सकता है। अपनी वाणी एवं व्यवहार में सावधानी बरतें। जमीन-जायदाद सम्बंधित कार्यो को फिलहाल स्थगित करें। मध्याह्न के बाद का समय अपेक्षकृत बेहतर रहेगा कार्य क्षेत्र अथवा अन्य साधनों से धन या कीमती वस्तुओ का लाभ होगा। लेकिन आज अनचाही यात्रा से थकान बढ़ेगी। धन की उधारी आज ना करें।
9) धनु राशि (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे) आज का दिन आध्यात्म एवं धार्मिक आस्था में वृद्धि करने वाला रहेगा। पुण्योदय होने से भाग्योन्नति के अवसर मिलेंगे। फिर भी आज आपके निर्णय सही दिशा ले रहे है या नहीं इसकी जांच अवश्य कर लें। धार्मिक यात्रा देव दर्शन के योग है। घर में वैवाहिक कार्यो की रूप रेखा बनेगी। कार्य व्यवसाय पर भी दिन लाभ कराने वाला रहेगा। धन की आमद सुबह से शाम तक रुक रुक कर होती रहेगी लेकिन खर्च भी आज लगे रहने से बचत मुश्किल ही कर पाएंगे। पुराने परिचितों से भेंट होने पर कुछ परेशानी होगी। सेहत और धन संबंधित मामले दोनो से आज निश्चिन्त रहेंगे।
10) मकर राशि (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी) आज का दिन विपरीत फल प्रदान करने वाला है। आज दिन भर सतर्क रहने की आवश्यकता है। सेहत नरम रहने से स्वभाव मे चिढ़चिढ़ापन आएगा फलस्वरूप किसी प्रियजन से मन मुटाव के प्रसंग बनेंगे। आर्थिक कारणों से चिंता बैचेनी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज अव्यवस्था बनेगी सहयोगी अथवा सहकर्मी मनमानी करेंगे फलस्वरूप लाभ भी अनिश्चित रहेगा। आकस्मिक घटनाओं से मन दुखी होगा। स्वयं अथवा किसी परिजन की सेहत पर आकस्मिक खर्च रहेगा।
11) कुंभ राशि (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा) आज के दिन का अधिकांश समय आपके अनुकूल रहेगा। आज स्वास्थ्य भी उत्तम बना रहेगा। कार्यो के प्रति आज अधिक ईमानदार रहेंगे। व्यावसायिक अथवा नौकरी अथवा अन्य किसी सम्बन्ध में लंबी यात्रा हो सकती है विदेश यात्रा के भी योग बनरहे है। मध्यान के समय शुभ समाचार मिलने से मन में आनंद छाया रहेगा धन लाभ के लिये आज इंतजार करना पड़ेगा या अल्प लाभ से ही संतोष करना पड़ेगा। संतानों के व्यवहार से आज थोड़ी पीड़ा भी होगी।
12) मीन राशि (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची) आज के दिन का पहला भाग सुख शांति से व्यतीत करेंगे। कोई रुका कार्य पूर्ण होने से धन लाभ होगा। आज के दिन आप थोड़े परिश्रम में अधिक लाभ भी कमा सकते है परंतु आलस्य एवं लापरवाही के कारण महत्त्वपूर्ण सौदे हाथ से निकलने की भी सम्भावना है। भागीदारी के कार्य की अपेक्षा एकल व्यवसाय में लाभ अधिक होगा। आस पड़ोसियों के कारण परिवार में किसी बात को लेकर व्यर्थ बहस हो सकती है। ठंडी चीजो से बचे सर्द गरम की समस्या हो सकती है।
http://दैनिक राशिफलसंकलनकर्ता गोवत्स पंडित मोहित मुदगल वक्ता नानी बाई रो मायरो हस्तरेखा एवं वास्तु विशेषज्ञ
संकलनकर्ता गोवत्स पंडित मोहित मुदगल वक्ता नानी बाई रो मायरो हस्तरेखा एवं वास्तु विशेषज्ञ@mohitmudgal1998
सूर्योदय: ०५:३५ सूर्यास्त: ०७:०७ चन्द्रोदय: ०६:४२ चन्द्रास्त: २०:३३ अयन दक्षिणायने (उत्तरगोलीय) ऋतु: ⛈️ वर्षा शक सम्वत: १९४४ (शुभकृत) विक्रम सम्वत: २०७९ (नल) मास श्रावण पक्ष शुक्ल तिथि द्वितीया (२६:५९ से तृतीया) नक्षत्र आश्लेशा (१२:१३ से मघा) योग व्यतीपात (१९:०२ से वरीयान्) प्रथम करण बालव (१४:१३ तक) द्वितीय करण कौलव (२६:५९ तक)
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सूर्य कर्क चंद्र सिंह (१२:१२ से) मंगल मेष (उदित, पश्चिम, मार्गी) बुध कर्क (उदित, पश्चिम, मार्गी) गुरु मीन (उदित, पूर्व, वक्री) शुक्र मिथुन (उदित, पूर्व, वक्री) शनि मकर (उदित, पूर्व, वक्री) राहु मेष केतु तुला
शुभाशुभ मुहूर्त विचार ⏳⏲⏳⏲⏳⏲⏳
अभिजित मुहूर्त ११:५६ से १२:५० अमृत काल १०:२७ से १२:१३ विजय मुहूर्त १४:३९ से १५:३४ गोधूलि मुहूर्त १८:५८ से १९:२२ सायाह्न सन्ध्या १९:१२ से २०:१४ निशिता मुहूर्त २४:०३ से २४:४४ राहुकाल ०८:५९ से १०:४१ राहुवास पूर्व यमगण्ड १४:०५ से १५:४८ होमाहुति सूर्य दिशाशूल पूर्व अग्निवास पाताल (२६:५९ से पृथ्वी) चन्द्रवास उत्तर (पूर्व १२:१३ से) शिववास गौरी के साथ (२६:५९ से सभा में)
☄चौघड़िया विचार☄
॥ दिन का चौघड़िया ॥ १ – काल २ – शुभ ३ – रोग ४ – उद्वेग ५ – चर ६ – लाभ ७ – अमृत ८ – काल ॥रात्रि का चौघड़िया॥ १ – लाभ २ – उद्वेग ३ – शुभ ४ – अमृत ५ – चर ६ – रोग ७ – काल ८ – लाभ
शुभ यात्रा दिशा ⛵ पूर्व-उत्तर (वायविंडिंग अथवा तिल मिश्रित चावल का सेवन कर यात्रा करें)
उदय-लग्न मुहूर्त कर्क – २८:३८ से ०६:५९ सिंह – ०६:५९ से ०९:१८ कन्या – ०९:१८ से ११:३६ तुला – ११:३६ से १३:५७ वृश्चिक – १३:५७ से १६:१६ धनु – १६:१६ से १८:२० मकर – १८:२० से २०:०१ कुम्भ – २०:०१ से २१:२७ मीन – २१:२७ से २२:५० मेष – २२:५० से २४:२४ वृषभ – २४:२४ से २६:१९ मिथुन – २६:१९ से २८:३४
पञ्चक रहित मुहूर्त रज पञ्चक – ०५:३४ से ०६:५९ शुभ मुहूर्त – ०६:५९ से ०९:१८ चोर पञ्चक – ०९:१८ से ११:३६ शुभ मुहूर्त – ११:३६ से १२:१३ रोग पञ्चक – १२:१३ से १३:५७ शुभ मुहूर्त – १३:५७ से १६:१६ मृत्यु पञ्चक – १६:१६ से १८:२० अग्नि पञ्चक – १८:२० से २०:०१ शुभ मुहूर्त – २०:०१ से २१:२७ रज पञ्चक – २१:२७ से २२:५० अग्नि पञ्चक – २२:५० से २४:२४ शुभ मुहूर्त – २४:२४ से २६:१९ रज पञ्चक – २६:१९ से २६:५९ शुभ मुहूर्त – २६:५९ से २८:३४ चोर पञ्चक – २८:३४ से २९:३५
आज का राशिफल
1)मेष (चू, चे, चो, ला, ली, लू, ले, लो, अ) आज का दिन व्यावसायिक दृष्टिकोण से आपके लिए लाभदायक रहेगा। आज के दिन आप अपनी वाकपटुता और मीठी वाणी से लाभप्रद व्यापारिक सम्बंध विकसित कर सकेंगे। जो भविष्य के लिए भी हितकर रहेंगे। आज आप में वैचारिक निखार आएगा। लेकिन आज धन के कही फंसने के योग भी बन रहे है सतर्क रहें। परिजनों से सम्बन्ध मधुर रहेंगे। शारीरिक एवं मानसिक रूप से स्वस्थ्य रहेंगे। पुत्र से मतभेद हो सकते है। लंबी दूरी की यात्रा की योजना बनेगी।
2)वृष (ई, ऊ, ए, ओ, वा, वी, वू, वे, वो) आज के दिन आप के अन्दर आवेश की मात्रा अधिक रहेगी। आस-पडोसी से आज अहम को लेकर टकराव हो सकता है। वाणी व्यवहार में नरमी रखें अन्यथा मान हानि हो सकती है। कार्य व्यवसाय में आसानी से जितना मिल जाये उसी से संतोष करें अन्यथा किसी ना किसी से व्यर्थ के झगड़े हो सकते है। सरकारी कार्यो को सम्भव हो तो कुछ दिन स्थिगित करना बेहतर रहेगा असफलता मिल सकती है। अनैतिक कार्यो से आज दूर रहें। सेहत के ऊपर खर्च करना पड़ेगा। घर का वातावरण अस्त-व्यस्त रहेगा। सावधानी से दिन व्यतीत करें। कुछ समय के लिये मानसिक तनाव हो सकता है।
3)मिथुन (का, की, कू, घ, ङ, छ, के, को, हा) आज का दिन आपके लिये अनुकूल रहेगा। आज किसी कार्य अथवा व्यापार में अकस्मात धन मिलने से कार्य के प्रति उत्साह बढ़ेगा। नौकरी पेशा जातको को भी परिश्रम का फल आर्थिक या पदोन्नति के रूप में मिल सकेगा। धर्म के गूढ़ रहस्यों को जानने की उत्सुकता रहेगी। संध्या का समय परिजनों के साथ आनंद से बीतेगा। घर के बड़े बुजुर्गों से भविष्य के लिए उत्तम मार्गदर्शन मिलेगा। संतानों के ऊपर खर्च होगा। वाणी में थोड़ी कटुता रह सकती है फिर भी आज लोगो को आपसे स्वार्थ रहने के कारण बुरा नही मानेंगे। पेट संबंधित व्याधि परेशान कर सकती है।
4)कर्क呂 (ही, हू, हे, हो, डा, डी, डू, डे, डो) आज के दिन का पहला भाग सामान्य रहेगा दोपहर के बाद किसी भी कार्य को करने से पहले उसकी जांच-परख अवश्य करें कार्य-व्यवसाय में हानि होने की संभावना है। आलस्य की प्रवृति के कारण आज महत्त्वपूर्ण सौदे हाथ से निकलने की भी संभावना है। परिवार में किसी से व्यर्थ की बातों पर उग्र चर्चा के कारण दिन भर पश्चाताप रहेगा। नए कार्य की शुरुआत आज ना करें। अनैतिक कार्यो से मानहानि हो सकती है इसका ध्यान रखें। असंयमित दिनचर्या के कारण सेहत ख़राब हो सकती है। धन की आमद को लेकर तरह तरह के प्रयास करेंगे लेकिन आज सफ़लता संदिग्ध है।
5)सिंह女 (मा, मी, मू, मे, मो, टा, टी, टू, टे) आज के दिन आप शारीरिक एवं मानसिक रूप से चुस्त-दुरुस्त रहेंगे। परिवार के प्रति आज अधिक संवेदनशील रहेंगे। कार्य व्यवसाय से समय निकाल आज मनोरंजन एवं सामाजिक कार्यक्रमो में अधिक समय बितायेंगे। धार्मिक अथवा पर्यटक स्थानों की यात्रा का भी अवसर मिलेगा। सुख सुविधाओं पर अधिक खर्च होगा। परिजनों के साथ सामाजिक-धार्मिक कार्यक्रम में सम्मिलित होंगे। घरेलू वातावरण खर्च करने पर प्रसन्न ना करने पर अशांत बनेगा। किसी बहुप्रतीक्षित लाभ के मिलने की सम्भावना है।
6)कन्या (टो, पा, पी, पू, ष, ण, ठ, पे, पो) आज का दिन आपके लिए हानिकर रहेगा। पूर्व में किये निवेश का लाभ नहीं मिलने से निराश होंगे नए कार्य की योजना भी ठंडी पड़ेगी। महत्त्वपूर्ण कार्य अधूरे रहने से आर्थिक समस्या खड़ी होगी। प्रतिस्पर्धा अधिक रहने से कार्य क्षेत्र पर मंदी का सामना करना पड़ेगा। कमीशन के कार्यो से माध्यम से कुछ लाभ हो सकता है। आज के दिन मौन धारण करने से कई समस्याओं का समाधान स्वतः ही हो जाएगा। घरेलू वातावरण में कुछ न कुछ समस्या लगी रहेगी। सेहत ठीक रहने पर भी काम मे मन नही लगेगा।
7)तुला⚖️ (रा, री, रू, रे, रो, ता, ती, तू, ते) आज का दिन भी आपके अनुकूल रहेगा। आज दिन भर शारीरिक और मानसिक स्फूर्ति रहेगी। आज आपका सामाजिक व्यवहार बढ़ेगा लेकिन कुछ समय बाद यह झंझट भी लगने लगेगा। नौकरी अथवा व्यापार में लाभ के अनेक अवसर मिलेंगे लेकिन इनमें से एकाध का ही लाभ उठा पाएंगे। मध्यान के बाद का कुछ समय प्रेम-प्रसंग, मनोरंजन में बिताएंगे। मित्रो के साथ अकस्मात घूमने अथवा अन्य यात्रा का अवसर मिलेगा। मायके अथवा ससुराल से लाभ होने की संभावना है। यात्रा में सतर्कता बरते चोटादि का भय है।
8)वृश्चिक (तो, ना, नी, नू, ने, नो, या, यी, यू) आज का दिन आपको शुभ फल देने वाला है। आज आप अपने व्यवहार कुशलता से किसी का भी दिल जीत सकते हैं। सरकारी अथवा अचल संपत्ति के दस्तावेज करने के लिए आज का दिन शुभ है। व्यवसाय में निवेश भविष्य के लिए लाभदायक रहेगा आज भी धन की प्राप्ति थोड़ी उठापटक के बाद संतोषजनक हो जाएगी। मित्र-परिजनों के साथ मनोरंजन के अवसर भी निकाल लेंगे। आज किये गए शुभकर्म भविष्य के लिये अति लाभदायक सिद्ध होंगे। छोटी मोटी बातो को छोड़ आरोग्य बना रहेगा।
9)धनु (ये, यो, भा, भी, भू, ध, फा, ढा, भे) आज का दिन आपके लिए उन्नति दायक रहेगा। कार्य क्षेत्र पर आज अधिकारियो का प्रोत्साहन मिलने से उन्नति के मार्ग खुलेंगे। व्यवसाय में लाभ पाने के लिए थोड़ा अतिरिक्त परिश्रम भी करना पड़ सकता है। आज गलत संगत अथवा गलत मार्गदर्शन में आकर अनैतिक कार्यो में पड़ने से मान हानि के योग बनेंगे। घरेलू वातावरण स्थिर रहेगा परिजनों से मधुर भावनात्मक सम्बन्ध रहेंगे। मनोरंजन पर्यटन के साधन उपलब्ध होने से आनंद मिलेगा। आकस्मिक धन लाभ होगा। छाती संबंधित समस्या हो सकती है।
10)मकर (भो, जा, जी, खी, खू, खा, खो, गा, गी) आज का दिन विपरीत फल प्रदान करने वाला है। आज दिन भर सतर्क रहने की आवश्यकता है। सेहत नरम रहने से स्वभाव मे चिढ़चिढ़ापन आएगा फलस्वरूप किसी प्रियजन से मन मुटाव के प्रसंग बनेंगे। कार्य क्षेत्र पर धन कमाने के मार्ग खुले रहेंगे परन्तु दिमाग सही कार्य को छोड़ गलत की तरफ आकर्षित होने के कारण आर्थिक कारणों से चिंता बैचेनी रहेगी। कार्य क्षेत्र पर आज मन कम ही लगेगा। आज कानूनी उलझनों में फंसने की संभावना है। आध्यत्म से जुड़े मानसिक शान्ति मिलेगी।
11)कुंभ (गू, गे, गो, सा, सी, सू, से, सो, दा) आज का दिन आपके अनुकूल रहेगा। आज आपको हर क्षेत्र से संम्मान-ऐश्वर्य की प्राप्ति होगी। व्यापार आज अपेक्षा के अनुसार तो नही फिर भी सामान्य से उत्तम रहने से प्रसन्न रहेंगे। धन की आमद अचानक होने से आश्चर्य में पड़ेंगे। आज आपकी वाणी की सौम्यता नए सम्बंध स्थापित करने में सहायता करेगी। घर के किसी बुजुर्ग से शुभकार्य करने की प्रेरणा मिलेगी घरेलू वातावरण भी आज आपके सोचे अनुसार रहेगा। घरेलू खर्च भी अधिक रहेगा। लंबी यात्रा से बचे सेहत ख़राब हो सकती है।
12) मीन (दी, दू, थ, झ, ञ, दे, दो, चा, ची) आज का दिन आपके लिए लाभदायी रहेगा। आज आपको प्रत्येक कार्य का शुभफल प्राप्त होगा। व्यापार में मनोवांछित सफलता मिलने से मन हर्षित रहेगा। किसी रुके कार्य अथवा धन की प्राप्ति थोड़ा अधिक प्रयास करने पर हो सकती है। आज सांसारिक सुख सुविधाओं की वस्तुएं संकलित करने पर भी धन खर्च होगा। विवाहोत्सुकों के लिए योग्य साथी की तलाश पूरी हो सकती है। पारिवारिक दायित्वों की पूर्ति होगी। भाग्योदयकारक समय रहेगा। सेहत मध्याह्न बाद कुछ समय के लिये नरम रहेगी फिर भी हल्के में ना लें।
संकलनकर्ता गोवत्स पंडित मोहित मुदगल वक्ता नानी बाई रो मायरो हस्तरेखा एवं वास्तु विशेषज्ञ
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